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9th chemistry chapter 2 पदार्थ का वर्गीकरण | नाइंथ क्लास रसायन शास्त्र पदार्थ का वर्गीकरण पाठ 2




प्रश्न 1. रासायनिक संरचना के आधार पर पदार्थ को कितने भागों में विभाजित किया गया है ?

उत्तर -तीन भागों में ,तत्व , यौगिक , और  मिश्रण ,

प्रश्न 2. तत्व किसे कहते हैं ?

उत्तर- तत्व पदार्थ का एक शुद्ध और सरलतम द्रव है जो किसी भी भौतिक व रासायनिक विधि द्वारा दो या दो से अधिक तरल द्रव में विभाजित नहीं किया जा सकता है

जैसे -हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर, तांबा, चांदी, सोना, प्लैटिनम, इत्यादि

प्रश्न 3. तत्व की विशेषताएं लिखिए |

उत्तर (i)तत्व एक ही प्रकार के परमाणुओं से बना होता है

(ii)अन्य तत्वों के गुणों से भिन्न किसी तत्व के कुछ विशिष्ट गुण होते हैं

 (iii)तत्व को भौतिक व रासायनिक विधि द्वारा दो या दो से अधिक सरल द्रव्य में विभाजित नहीं किया जा सकता 

(iv)तत्व सिर्फ एक ही प्रकार के परमाणुओं से बना होता है

प्रश्न 4. प्रकृति में कितने तत्व पाए जाते हैं ?

उत्तर - अब तक 118 तत्व आवर्त सारणी में खोजे जा चुके हैं लेकिन 92 तत्व प्रकृति में पाए जाते हैं

 प्रश्न 5. तत्व को कितने श्रेणी में विभाजित किया गया है ?

उत्तर -तत्व के दो श्रेणी में विभाजित किया गया है (i) धातु और (ii) अधातु एक तीसरी श्रेणी भी है जिसे उपधातु कहते हैं

प्रश्न 6. धातुओं के गुण लिखें ?

उत्तर-  (i)धातुओं में एक विशेष प्रकार की चमक होती है जिसे धातुई चमक कहते हैं 
(ii)ये उष्मा एवं विद्युत के सुचालक होते हैं 
(iii)धातु ठोस अवस्था में अघातवर्धनिय और अन्य होती है 
(iv)अधिकांश धातु कमरे के ताप पर ठोस होते हैं पारा एक अपवाद है जो द्रव रूप में पाया जाता है 

सोडियम , पोटेशियम , जस्ता , तांबा , सोना , चांदी , लोहा , एलमुनियम , इत्यादि धातु के उदाहरण है

प्रश्न 7. यौगिक किसे कहते हैं ?

उत्तर - योगिक वह शुद्ध पदार्थ है जो दो या अधिक तत्व के भार के विचार से एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग के फलस्वरूप बनता है

जैसे - अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड , चुना पत्थर ,हाइड्रोजन क्लोराइड ,अमोनियम क्लोराइड, इत्यादि

प्रश्न 8. यौगिक के प्रमुख गुण लिखें ?

उत्तर -(i)यौगीक के अवयवी तत्वों को किसी भी यांत्रिक या भौतिक विधि द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है 

(ii)किसी यौगीक के गुण उसके अवयवी तत्वों के गुणों से बिल्कुल भिन्न होते हैं 

(iii)किसी यौगीक के बनने में उस्मा या प्रकाश के रूप में ऊर्जा का प्रायः उत्सर्जन का अवशोषण होता है 

(iv)योगिक में उसके अवयवी तत्व भार के विचार से एक निश्चित अनुपात में रहते हैं

(v)योगीक के द्रवणांक और क्वथनांक निश्चित होते हैं 

(vi)योगीक एक समान पदार्थ है|

(vi)योगीक के संगठन और गुण सर्वदा एक समान रहते हैं

प्रश्न 9. तत्व और यौगिक में अंतर लिखें

प्रश्न 10. मिश्रण को परिभाषित करें ?

उत्तर - मिश्रण वह पदार्थ है जो दो या अधिक तत्व या यौगीको को किसी भी अनुपात में परस्पर मिला देने से बनता है और इसके अवयवों को सरल यांत्रिक विधियों द्वारा पृथक किया जा सकता है 
जैसे वायु , बारूद , इस्पात इत्यादि

प्रश्न 11. मिश्रण के कुछ प्रमुख गुण लिखें ?

उत्तर -(i) मिश्रण सामान्य या विषमांग हो सकता है 

(ii)मिश्रण के अवयवों को छानना, वाष्पन, उर्ध्वपातन, और चुंबकीय पृथक्करण आदि भौतिक विधियों द्वारा अलग अलग किया जा सकता है

(iii)मिश्रण के बनने में प्रायः ऊर्जा का न तो उत्सर्जन होता है और ना और अवशोषण

(iv)मिश्रण का संघठन निश्चित नहीं होता है 

(v)मिश्रण के द्रवणांक क्वथनांक आदि निश्चित नहीं होते हैं 
(vi)मिश्रण के बनने में कोई रासायनिक अभिक्रिया नहीं होती है

प्रश्न 12. मिश्रण और यौगिक में अंतर लिखें ?

प्रश्न 13. कुछ उपयोग में आने वाले मिश्रण का उदाहरण दें और उनकी व्याख्या करें

उत्तर - 
(1) दूध :- यह शुद्ध पदार्थ नहीं है यह जल वसा प्रोटीन आदि का मिश्रण है 

(2) स्याही :- यह जल तथा एक से अधिक रंगों का मिश्रण है 

(3) टिंचर आयोडीन :-  यह आयोडीन और एथेनॉल का समांग मिश्रण है

(4) वायु:-  यह नाइट्रोजन ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड आदि का मिश्रण है 

(5) मिश्र धातुएँ :- यह किसी धातु या अन्य धातु के साथ बना समांग मिश्रण है जैसे पीतल तांबा और जस्ता का बना है

प्रश्न 14. कुछ मिश्रण के प्रकार की उदाहरण के साथ व्याख्या करें ?

1. ठोस-ठोस का मिश्रण-उदाहरण के लिए, सोडियम
क्लोराइड (ठोस) और अमोनियम क्लोराइड (ठोस) का मिश्रण, चीनी (ठोस) और बालू (ठोस) का मिश्रण आदि।

2. ठोस-द्रव का मिश्रण-उदाहरण के लिए, साधारण नमक
(ठोस) और जल (द्रव) का मिश्रण

3. ठोस-गैस का मिश्रण-मिट्टी के कणों के बीच रिक्त स्थानों में वायु फँसी रहती है। अतः, यह मिट्टी (ठोस) और वायु (गैस) के मिश्रण का एक उदाहरण है।

4. द्रव-गैस का मिश्रण-सभी गैसें द्रव में अंशतः मिश्रणीय
(miscible) होती हैं। जब हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन आदि गैसों को जल के संपर्क में लाया जाता है तब इन गैसों की अल्प मात्रा जल में घुलकर मिश्रण बनाती है।

5. गैस-गैस का मिश्रण-परस्पर रासायनिक अभिक्रिया नहीं करनेवाली सभी गैसें किसी भी अनुपात में एक-दूसरे के साथ घुल-मिलकर मिश्रण बनाती हैं। उदाहरण के लिए, वायु कई गैसों का मिश्रण होती है।

6. द्रव-द्रव का मिश्रण उदाहरण के लिए, जल और
ऐल्कोहॉल का मिश्रण, जल और तेल का मिश्रण आदि।

प्रश्न 15. किन तथ्यों के आधार पर वायु को मिश्रण माना जाता है योगिक नहीं ?

उत्तर 1. योगीक के बनने पर उनके अव्यवी तत्वों के अपने-अपने गुण कायम हो जाते हैं, किंतु मिश्रण के बनने में उसके अवयवी तत्वों के गुण कायम रहते हैं

2. यौगिक का संघटन निश्चित होता है, किंतु मिश्रण का
संघटन अनिश्चित होता है।
वायु के अवयवों का अनुपात भिन्न-भिन्न स्थानों पर
बदलता रहता है। इतना ही नहीं, एक ही स्थान पर
भिन्न-भिन्न समय में यह अनुपात बदलता रहता है।

3. द्रवीभूत वायु का स्रवण करने पर पहले उसमें उपस्थित
नाइट्रोजन स्रवित होता है, जबकि ऑक्सीजन द्रव के रूप
में ही रह जाता है। अतः, वायु के अवयवों को भौतिक या
यांत्रिक विधियों द्वारा अलग-अलग किया जा सकता है।
ऐसा मिश्रण के ही साथ होता है, यौगिक के साथ नहीं।

4. द्रवीभूत वायु का क्वथनांक निश्चित नहीं रहता है। यह
मिश्रण की ही एक विशेषता है।

5. वायु अपने अवयवों के किसी भी यौगिक के साथ समानता प्रदर्शित नहीं करता है। उदाहरण के लिए, वायु और नाइट्रिक ऑक्साइड (NO), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO,) आदि में कोई समानता नहीं पाई जाती है।


प्रश्न 16. किन तथ्यों के आधार पर जल को एक यौगिक माना जाता है, मिश्रण नहीं ?

उत्तर - 1. जल के अवयवों (हाइड्रोजन और ऑक्सीजन) को छानना, वाष्पन आदि भौतिक विधियों द्वारा अलग-अलग नहीं किया जा सकता है।

2. जल के गुण इसके अवयवों (हाइड्रोजन और ऑक्सीजन) के गुणों से नितांत भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, जल एक द्रव है, जबकि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस हैं। जल अज्वलनशील होता है और यह ज्वलन का पोषक भी नहीं है, जबकि हाइड्रोजन ज्वलनशील और ऑक्सीजन ज्वलन का पोषक होता है।

3. ऑक्सीजन में हाइड्रोजन के जलने से जल बनता है और इस अभिक्रिया में प्रकाश और ऊष्मा का उत्सर्जन होता है।

4. जल में भार के विचार से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात सर्वदा स्थिर (1 : 8) रहता है।

5. सामान्य दाब (1 वायुमंडलीय दाब) पर जल का क्वथनांक हमेशा 100°C होता है। 

प्रश्न 17. कुछ उपयोग में आनेवाले कुछ मिश्रण का नाम उदाहरण के साथ व्याख्या करें ?

उत्तर - 1. दूध (Milk)-यह शुद्ध पदार्थ नहीं है। यह जल, वसा, प्रोटीन आदि का मिश्रण है।

2. स्याही (Ink)-यह जल तथा एक या अधिक रंगों का मिश्रण है। 

3. मृदु पेय (Soft drink)-हम अपने दैनिक जीवन में लेमोनेड, सोडावाटर आदि को देखते हैं या कभी-कभी इस्तेमाल करते हैं। ये शुद्ध पदार्थ नहीं है, बल्कि ये कई शुद्ध पदार्थों के समांग मिश्रण होते हैं।

4. टिंचर आयोडीन (Tincture of iodine)-यह आयोडीन और एथेनॉल का (या एथिल ऐल्कोहॉल) का समांग मिश्रण है जो कीटाणुनाशक (antiseptic) के रूप में व्यवहत होता है।

5. वायु (Air)-यह नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड आदि का मिश्रण है।

6. मिश्र धातुएँ (Alloys)-यह किसी धातु का अन्य धातु या अधातु के साथ बना समांग मिश्रण है। उदाहरण के लिए, पीतल (brass), ताँबा और जस्ता का मिश्रधातु है जिसमें ताँबा और जस्ता के गुण उपस्थित रहते हैं। इसी प्रकार, सोना को चाँदी और ताँबा के साथ मिश्रित कर मिश्रधातु में परिवर्तित करना पड़ता है ताकि सोना कठोर बन जाए और वह गहने या आभूषण बनाने लायक हो जाए।

प्रश्न 18. हाथ से चुनकर किस प्रकार के मिश्रण को अलग किया जाता है ?

उत्तर - 1. हाथ से चुनकर (Hand-picking)-मिश्रण में उपस्थित बड़े से आकार वाले अवयवों को हाथ से चुनकर या किसी चिमटे की सहायता से अलग-अलग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, चावल में उपस्थित पत्थर के टुकड़ों को हाथ से चुनकर अलग किया जा सकता है।

प्रश्न 20. चलनी से चालकर किस प्रकार के मिश्रण को अलग किया जाता है ?

उत्तर -  बालू में उपस्थित कंकड़ पत्थर इत्यादि अशुद्धियों को चलनी से चलकर अलग किया जाता है

प्रश्न 21. दूध से मक्खन निकालने में किस विधि का उपयोग किया जाता है ?

उत्तर - मंथन विधि

प्रश्न 22. किस प्रकार के मिश्रण को जनकर अलग किया जाता है ?

उत्तर - पानी और बालू तथा अनाज के बीज और पानी को छानकर अलग किया जाता है

प्रश्न 23. चुंबकीय पृथक्करण विधि द्वारा किस प्रकार के मिश्रण को अलग किया जाता है ?

उत्तर - चुंबकीय पृथक्करण (Magnetic separation)-यह विधि वैसे मिश्रण के लिए प्रयुक्त होती है जिसका एक अवयव चुंबकीय होता है। उदाहरण के लिए, लौह-चूर्ण और गंधक के मिश्रण से लौह-चूर्ण
को इस विधि द्वारा पृथक किया जा सकता है। 

प्रश्न 24. गंधक चुंबक द्वारा आकर्षित क्यों नहीं होता है ?

उत्तर - गंधक अचुंबकीय होने के कारण चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होता है।

प्रश्न 24. उर्ध्वपातन विधि द्वारा किस प्रकार के मिश्रण को वाला किया जाता है ?

उत्तर - उर्ध्वपातन (Sublimation)-यह विधि वैसे मिश्रण के लिए प्रयुक्त होती है जिसका एक अवयव बिना पिघले ही वाष्प में परिणत हो जाता है। ठंडक पाकर यह वाष्प सीधे ठोस में परिवर्तित हो जाता है। उदाहरण के लिए, साधारण नमक और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से अमोनियम क्लोराइड को इसी विधि द्वारा
पृथक किया जा सकता है।

प्रश्न 25. वाष्पन विधि द्वारा किस प्रकार के मिश्रण को अलग किया जाता है ?

उत्तर - नमक और जल के मिश्रण या चीनी और जल के मिश्रण को वाष्पन विधि द्वारा अलग किया जाता है

प्रश्न 26. आयोडीनयुक्त नमक क्या होता है ?

उत्तर साधारण नमक में सोडियम आयोडेट मिलाकर आयोडीनयुक्त नमक बनाया जाता है

प्रश्न 27. रवाकरण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर - वह प्रक्रिया जिसमें विलियम से शुद्ध ठोस पदार्थ रवों के रूप में पृथक होते हैं रवाकरण कहलाती है

प्रश्न 28. रवाकरण विधि द्वारा किस प्रकार के मिश्रण को शुद्ध किया जाता है ?

उत्तर - ठोस पदार्थ को शुद्ध रूप में प्राप्त करने के लिए रवाकरण विधि अपनाई जाती है। उदाहरण के लिए, समुद्र जल से प्राप्त नमक में कई अशुद्धियाँ रहती हैं जिन्हें इसी विधि द्वारा दूर किया जाता है। इसी प्रकार, अशुद्ध पोटाश एलम (फिटकरी) को रवाकरण विधि द्वारा ही शुद्ध किया जाता है।

टिप्पणी-चीनी के विलयन का वाष्पन करके चीनी के रवे नहीं प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 29. स्रवण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर - स्रवण (Distillation)—वह प्रक्रिया, जिसमें किसी द्रव को गर्म करके वाष्प में परिवर्तित किया जाता है, फिर उस वाष्प को ठंडा करके पुनः द्रव में संघनित किया जाता है, स्रवण कहलाती है।

प्रश्न 30. पृथक्कारी कीप के उपयोग द्वारा किस प्रकार के मिश्रण को अलग किया जाता है ?

उत्तर - पृथक्कारी कीप काँच का एक बल्ब होता है जिसकी डंटी में एक स्टॉप कॉक (stopcock) लगा रहता है। इसका उपयोग दो या अधिक अमिश्रणीय द्रवों के मिश्रण के अवयवों को पृथक करने में किया जाता है। उदाहरण के लिए, तेल और जल को पृथक्कारी कीप की सहायता से पृथक किया जा सकता है।

प्रश्न 31. क्रोमैटोग्राफी से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर - (Chromatography)-क्रोमैटोग्राफी एक ऐसी
तकनीक है जिसका उपयोग मिश्रण के उन अवयवों को पृथक करने में किया जाता है जो एक ही विलायक में विलेय (soluble) होते हैं। सर्वप्रथम इस तकनीक का उपयोग एक प्राकृतिक रंग के रंगीन अवयवों को पृथक करने में किया गया था। ग्रीक भाषा में क्रोमा (chroma) का अर्थ रंग होता है, इसीलिए इस तकनीक का नाम
क्रोमैटोग्राफी पड़ा।

प्रश्न 32. जल का शुद्धीकरण किन किन प्रक्रियाओं द्वारा किया जाता है ?

उत्तर - 1.  थिराने की टंकी - नदियों तालाबों और झीलों के जनों को एक किराने की एमपी में ले जाया जाता है इसमें थोड़ा पोटाश एलम (फिटकरी) मिलाकर जल को स्थिर छोड़ दिया जाता है। पोटाश एलम की उपस्थिति में जल में उपस्थित गंदले पदार्थ नीचे बैठ जाते हैं। ये तलछट (sediment) कहलाते हैं। ऊपर के स्वच्छ द्रव को एक पंप की सहायता से एक निस्यंदक टंकी (filtration tank) में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

2. निस्यंदक टंकी (Filtration tank)—इस टंकी में जल को चारकोल, कंकड़ और महीन बालू के स्तरों से
के स्तरों से गुजरना पड़ता है। इससे जल छनकर निलंबित अशुद्धियों से मुक्त हो जाता है। अब इस जल को क्लोरीनीकरण टंकी में ले जाया जाता है।

3. क्लोरीनीकरण टंकी (Chlorination tank)—इस टंकी में जल के साथ क्लोरीन जल या विरंजक चूर्ण मिला दिया जाता है। ऐसा करने से जल में उपस्थित हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और प्राप्त जल पीने योग्य हो जाता है।

प्रश्न 33. भौतिक परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण के साथ परिभाषित करें ?

उत्तर - भौतिक परिवर्तन वह है जिसमें पदार्थ के कुछ गुणों
(रंग, रूप आदि) में थोड़ा अस्थायी परिवर्तन अवश्य हो जाता है, किंतु उसके मूल संघटन और द्रव्यमान में कोई परिवर्तन नहीं होता और इस परिवर्तन के फलस्वरूप कोई नया पदार्थ नहीं बनता है।
जैसे - जल का वाष्प बनना, नमक का जल में विलयन, विद्युत बल्ब से प्रकाश का उत्सर्जन, इत्यादि

प्रश्न 34. जल का वाष्प बनना भौतिक परिवर्तन है कैसे ? समझाइए !

उत्तर - बनना-जल एक द्रव है। गर्म करने पर यह जलवाष्प (गैस) में परिवर्तित हो जाता है, किंतु जलवाष्प को ठंडा करने पर वह पुनः जल (द्रव) में परिणत हो जाता है। अतः, जल का वाष्प बनना एक भौतिक परिवर्तन है।

प्रश्न 35. नमक का जल में विलयन भौतिक परिवर्तन है कैसे ?

उत्तर - नमक को जल के साथ मिलाने पर नमक जल में घुल जाता है। प्राप्त विलयन को वाष्पित कर जल को उड़ा देने पर पुनः ठोस नमक प्राप्त हो जाता है। इस नमक और पहले वाले नमक के गुणों में कोई अंतर नहीं रहता है।
अतः, नमक का जल में घुलकर विलयन बनना एक भौतिक परिवर्तन है।

प्रश्न 36. विद्युत बल्ब से प्रकाश का उत्सर्जन कैसे भौतिक परिवर्तन है ?

उत्तर - विद्युत-धारा प्रवाहित होने पर विद्युत बल्ब प्रकाश देने लगता है, किंतु विद्युत प्रवाह रुकते ही बल्ब अपने पहले जैसी अवस्था में आ जाता है। अतः, बल्ब का जलना एक भौतिक परिवर्तन है।

प्रश्न 37. रासायनिक परिवर्तन को उदाहरण के साथ परिभाषित करे ?

उत्तर - रासायनिक परिवर्तन वह परिवर्तन है जिसके
फलस्वरूप पदार्थ नए पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है जिसके गुण (संरचना, द्रव्यमान आदि) मूल पदार्थ से पूर्णतः भिन्न होते हैं और परिवर्तन लानेवाले कारण को हटा लेने पर भी पदार्थ अपनी मूल अवस्था में नहीं आता।

जैसे - लोहे में जंग लगना, कोयले का जलना, लोहे और गंधक के मिश्रण को गर्म करना, शरीर में भोजन का पचना, दूध का पनीर या दही में परिवर्तन, फलों का पकना, पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं की वृद्धि, पतों का सूखना, मोमबत्ती का जलना इत्यादि रसायनिक परिवर्तन के उदाहरण हैं

प्रश्न 38. दो या अधिक पदार्थों का मिश्रण क्या हो सकता है ?

उत्तर - दो या अधिक पदार्थों का मिश्रण विलयन, निलंबन या कोलॉइड हो सकता है।

प्रश्न 39. विलयन को परिभाषित करें ?

उत्तर - दो या अधिक पदार्थों का समांग मिश्रण विलयन कहलाता है। समांग का अर्थ है विलयन के सभी भागों में एकरूपता। अतः, विलयन का संघटन एकरूप होता है।

प्रश्न 40. विलायक को परिभाषित करें ?

उत्तर - जिस द्रव में किसी पदार्थ को घुलाया जाता है उस
द्रव को विलायक कहते हैं। विलयन में विलायक परिक्षेपण
माध्यम (dispersion medium) कहलाता है। 

प्रश्न 41. विलेय को परिभाषित करें ?

उत्तर - जो पदार्थ द्रव में घुलकर विलयन बनाता है वह विलेय कहलाता है। विलयन में विलेय के कण
परिक्षेपित कण (dispersed particles) कहलाते हैं

प्रश्न 42. विलेय और विलायक को परिभाषित करें ?

उत्तर - विलयन में जो पदार्थ कम मात्रा में रहता है उसे विलेय और जो अधिक मात्रा में रहता है उसे विलायक कहते हैं।

प्रश्न 43. क्या कारण है कि जल को एक सर्वव्यापी विलायक माना जाता है ?

उत्तर - जल को एक सर्वव्यापी विलायक (universal solvent) माना जाता है, किंतु अन्य द्रव भी विलायक के रूप में व्यवहृत होते हैं। कुछ, कार्बनिक यौगिक भी विलायक हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, 'टिंचर आयोडीन' आयोडीन और ऐल्कोहॉल का विलयन
है। इसमें आयोडीन विलेय और ऐल्कोहॉल विलायक है।

प्रश्न 44. जलीय विलयन किसे कहते हैं ?

उत्तर - किसी पदार्थ को जल में घुलाकर जो विलयन बनता है उसे जलीय विलयन कहते हैं। 
उदाहरण के लिए नमक, अमोनियम क्लोराइड और कॉपर सल्फेट के जल में बने विलयन इन पदार्थों के जलीय विलयन हैं

प्रश्न 45. अजलीय विलयन किसे कहते हैं ?

उत्तर - कुछ ऐसे भी पदार्थ हैं जो जल के अतिरिक्त अन्य द्रवों में घुलकर विलयन बनाते हैं। ऐसे द्रवों में ऐल्कोहॉल, ऐसीटोन, कार्बन टेट्राक्लोराइड और कार्बन डाइसल्फाइड मुख्य हैं। इन द्रवों में बने विलयन अजलीय विलयन (nonaqueous solution) कहलाते हैं।

प्रश्न 46. वास्तविक विलयन को परिभाषित करें ?

उत्तर - वास्तविक विलयन (true solution) पूर्णतः समांग होता है। इसमें विलेय के कण विलायक के कणों के मध्य स्थित रिक्त स्थानों में प्रविष्ट कर जाते हैं। नमक, चीनी, शोरा का जलीय विलयन और सिरका (ऐसीटिक अम्ल का जलीय विलयन) वास्तविक विलयन के उदाहरण हैं।

प्रश्न 47. विलयन के कुछ प्रमुख गुण लिखें ?

उत्तर  - 1. विलयन स्वच्छ एवं पारदर्शी होता है। उदाहरण के लिए, नमक का जल में विलयन स्वच्छ एवं पारदर्शी होता है।

2. विलयन को कुछ समय तक स्थिर छोड़ देने पर भी विलेय के कण नीचे नहीं बैठते हैं।

3. विलयन में विलेय और विलायक के कणों को माइक्रोस्कोप की सहायता से देखने पर भी अलग-अलग नहीं दिखाई पड़ते हैं। वास्तविक विलयन में विलेय के कण विलायक के कणों के मध्य स्थित रिक्त स्थानों में छिपे रहते हैं।

4. विलयन समांग होता है; अर्थात विलयन के सभी भागों
का संघटन एक ही होता है।

5. विलयन के अवयवों को छानकर पृथक नहीं किया जा
सकता है।

6. विलयन के कणों का व्यास 10^-8cm के क्रम में होता है।

प्रश्न 48. विलयन में घुले विलेय की मात्रा के अनुसार विलयन कितने प्रकार के होते हैं उन्हें परिभाषित करें ?

उत्तर - विलयन में घुले विलेय की मात्रा के अनुसार विलयन दो प्रकार के होते हैं 
1. असंतृप्त विलयन एवं 2. संतृप्त विलयन

1. असंतृप्त विलयन - किसी निश्चित ताप पर बना वह
विलयन जिसमें विलेय की और अधिक मात्रा उस ताप पर
घुलाई जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाता है।

2. संतृप्त विलयन-किसी निश्चित ताप पर बना वह विलयन
जिसमें विलेय की अधिकतम मात्रा घुली हो, संतृप्त विलयन कहलाता है।

प्रश्न 49. विलयन की संतृप्तता और असंतृप्तता की जाँच किस प्रकार किया जाता है समझाकर लिखो ?

उत्तर - यह जाँच करने के लिए कि विलयन संतृप्त है या असंतृप्त, उस विलयन में थोड़ा विलेय डालकर काँच की छड़ से अच्छी तरह मिलाएँ। यदि विलेय घुल जाता है तब विलयन असंतृप्त माना जाता है, अन्यथा संतृप्त।

प्रश्न 50. अतिसंतृप्त विलयन को परिभाषित करें ?

उत्तर - वह संतृप्त विलयन जिसमें विलेय की मात्रा उस विलयन को संतृप्त करने के लिए आवश्यक विलेय की मात्रा से अधिक घुली हुई हो, अतिसंतृप्त विलयन (supersaturated solution) कहलाता है।

प्रश्न 51. अतिसंतृप्त विलयन की पहचान कैसे की जाती है ?

उत्तर - (i) इस विलयन को काँच की छड़ से चलाने पर या पात्र को काँच की छड़ से खुरचने पर विलेय के वे पृथक होने लगते हैं।

(ii) इस विलयन में बाहर से विलेय का एक छोटा टुकड़ा डाल देने पर विलयन से अतिरिक्त विलेय के रवे पृथक हो
जाते हैं।

प्रश्न 52. विलेयता को परिभाषित करें ?

उत्तर - एक निश्चित ताप और दाब पर 100 g विलायक में किसी विलेय की घुलनेवाली अधिकतम मात्रा, जो विलयन को संतृप्त कर दे, उस ताप और दाब पर उस विलेय की उस विलायक में विलेयता (solubility) कहलाती है।

प्रश्न 53. निलंबन को परिभाषित करें ?

उत्तर - निलंबन (suspension) एक विषमांग पदार्थ है जिसमें किसी ठोस पदार्थ के छोटे-छोटे कण द्रव या गैस में घुलते नहीं, बल्कि संपूर्ण द्रव या गैस में निलंबित स्थिति में रहते हैं। 
उदाहरण - कीचड़युक्त जल, बालू एवं जल का मिश्रण, खड़िया एवं जल का मिश्रण आदि निलंबन के उदाहरण हैं।

प्रश्न 54. निलंबन के कुछ प्रमुख गुण लिखें ?

उत्तर - 1. यह एक विषमांग मिश्रण है।

2. इसमें ठोस के कण काफी बड़े होते हैं जिन्हें नग्न आँखों से या माइक्रोस्कोप की सहायता से आसानी से देखा जा
सकता है।

3. ठोस के निलंबित कण छन्ना पत्र को पार नहीं कर सकते हैं।

4. यह अस्थायी होता है। इसमें निलंबित ठोस के कण द्रव से अलग हो जाने की प्रवृत्ति रखते हैं। ये लंबे समय तक
निलंबित अवस्था में नहीं रहते हैं। अतः, निलंबन को स्थिर छोड़ देने पर कुछ समय के पश्चात ठोस के कण नीचे बैठ जाते हैं।

5. इसमें निलंबित ठोस के कणों का व्यास 10^-5 cm या इससे अधिक होता है। 

प्रश्न 55. कोलॉइड को परिभाषित करें ?

उत्तर - कोलॉइड (colloids) विलयन की वह अवस्था है जिसमें विलेय के कणों का आकार वास्तविक विलयन और निलंबन में उपस्थित कणों के आकार का मध्यवर्ती होता है। कोलॉइड प्रायः अर्द्धपारदर्शी या पारभासी (translucent) या अपारदर्शी (opaque) होता है।
जैसे - दूध, स्याही, रक्त, टूथपेस्ट, स्टार्च का विलयन, धूल-कण युक्त वायु, बादल, कुहासा (वायु में जल की बूंदों का परिक्षेपण), धुआँ और जेली कोलॉइड या कोलॉइडी विलयन के उदाहरण हैं।

प्रश्न 56. कोलॉइडी विलयन के कुछ प्रमुख गुण लिखिए ?

उत्तर - कोलॉइडी विलयन के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं।
1. विषमांग मिश्रण-कोलॉइडी विलयन विषमांग होता है। इसमें परिक्षेपित कणों को उच्च क्षमता वाले माइक्रोस्कोप की सहायता से देखा जा सकता है।

2. छानना-क्रिया-कोलॉइड के कण छन्ना पत्र को पार कर
सकते हैं।

3. स्थायित्व-कोलॉइड के कण बहुत स्थायी होते हैं। कोलॉइड को स्थिर छोड़ देने पर उसके कण नीचे नहीं बैठते हैं।

4. कणों का आकार-कोलॉइड के कणों का आकार (व्यास) 10^-7cm और 10^-5cm के बीच होता है।

प्रश्न 57. ब्राऊनी गति किसे कहते हैं ?

उत्तर - कोलॉइडी विलयन के अंतर्गत कोलॉइड के
कण टेढ़े-मेढ़े (zigzag) मार्ग से होकर अनवरत गमन करते रहते हैं इसे ब्राऊनी गति कहा जाता है। कोलॉइड के
कणों का विलायक के कणों के साथ टक्कर होते रहने से ब्राऊनी गति उत्पन्न होती है।

प्रश्न 58. टिंडल प्रभाव से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर - किसी प्रकाशपुंज को एक कोलॉइडी विलयन से होकर प्रवाहित करने पर किरण-पथ पारभासित हो जाता है। इसका कारण यह है कि कोलॉइड के कण प्रकाश का प्रकीर्णन (scattering) कर देते हैं। ये कण सूक्ष्म प्रकाश-बिंदु के रूप में अनियमित रूप से गमन करते हुए दिखाई
पड़ते हैं। यह घटना टिंडल प्रभाव (Tyndall effect) कहलाती है। इस प्रभाव के फलस्वरूप हम कोलॉइड के कणों को नहीं देखते, बल्कि उनके द्वारा प्रकीर्ण (scattered) प्रकाश को ही देख पाते हैं।

प्रश्न 59. वैद्युतकण-संचलन किसे कहते हैं ?

उत्तर - वैद्युतकण-संचलन (Electrophoresis) किसी विद्युत क्षेत्र के प्रभाव से आवेशित कोलॉइडी कणों का गमन वैद्युतकण-संचलन कहलाता है।
इसका उपयोग - विद्युत क्षेत्र में विभिन्न कोलॉइडी पदार्थ विभिन्न वेगों से गमन करते हैं। इस गुण का उपयोग प्रोटीन, एन्जाइम आदि के मिश्रणों के अध्ययन में तथा शरीर में उपस्थित तरल पदार्थों में प्रोटीन की मात्रा के निर्धारण में किया जाता है।

प्रश्न 60. विलयन का सांद्रण किसे कहते हैं ?

उत्तर - विलयन के इकाई परिमाण (आयतन या द्रव्यमान) में घुले हुए विलेय की मात्रा को विलयन का सांद्रण या सामर्थ्य कहते हैं।
द्रव्यमान के विचार से विलयन के प्रति 100 भागों में धुले हुए विलेय के भागों की संख्या विलयन का सांद्रण कहलाती है।


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Physics (भौतिकी)

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Chemistry (रसायन)

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Biology (जीव विज्ञान)

1. कोशिका जीवन की आधारभूत इकाई  Click here!

Chapter 2. उत्तक  Click here!

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