1. मनुष्य को परपोषी क्यों कहा जाता है ?
उत्तर : मनुष्य अपना आहार स्वयं नहीं निर्मित कर सकता, अतः मनुष्य को परपोषी करते हैं।
2. दाल, अनाज, सब्जियों और फल से हमें क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर : दाल से प्रोटीन, अनाज से कार्बोहाइड्रेट, फलों तथा हरी सब्जियों से विटामिन एवं खनिज लवणों की प्राप्ति होती है।
3. हरित क्रांति का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर : कृषि वैज्ञानिकों के प्रयास से फसल उत्पादन वृद्धि हेतु समुन्नत किस्मों के बीच तथा उर्वरक के प्रयोग उन्नत खेती के तरीके हरित क्रांति के मुख्य कारण हैं।
4. किस प्रकार के फसल को खरीफ फसल कहा जाता है ?
उत्तर : जिन फसलों को हम वर्षा ऋतु में उगाते हैं, उन्हें खरीफ फसल कहते हैं।
5. संकर फसल किसे कहते हैं?
उत्तर : पादप संकरण द्वारा विकसित नवीन सम्मुन्नत किस्म के बीजों से उगाई गई फसल को संकर फसल कहते हैं।
6. पादप-प्रजनन की परिभाषा लिखें।
उत्तर : फसलों की सम्मुन्नत किस्मों के सुधार के विज्ञान को पादप प्रजनन कहते हैं।
7. हरे पादपों को अपनी वृद्धि एवं विकास के लिए कितने पोषक तत्त्वों की जरूरत होती है ?
उत्तर : पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
8. सूक्ष्म पोषक क्या है ?
उत्तर : वैसे पोषक तत्त्व जिनकी सूक्ष्म मात्रा ही पादप वृद्धि एवं विकास के उत्तरदायी हैं सूक्ष्म पोषक तत्त्व कहलाते हैं। Fe, Cu, Zn आदि ऐसे तत्त्व हैं।
9. खाद के अनुप्रयोग से मृदा को क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर : आवश्यक पोषक तत्त्व।
10. प्राकृतिक उर्वरक के अनुप्रयोग में होनेवाली दो समस्याओं के नाम लिखें।
उत्तर : परिवहन एवं भंडारण की असुविधा।
11. वर्मीकम्पोस्ट में किस जीव का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर : वर्मीकम्पोस्ट बनाने में केंचुआ (फेरिटीमा पोस्थ्यूमा) नामक जीव का उपयोग किया जाता है।
12. किस प्रकार की खेती से एक से ज्यादा फसल का उत्पादन किया जाता है?
उत्तर : एक से ज्यादा फसल का उत्पादन मिश्रित खेती के द्वारा किया जाता है, जिसमें एक ही भूखंड पर दो फसलों को साथ-साथ उगाया जाता है।
13. किसी एक प्रकार की मिश्रित खेती का नाम बताएँ।
उत्तर : अतर फसल उत्पादन, मिश्रित खेती का एक रूप है, जिसमें धान्य फसल की एक कतार के बाद फलीदार फसल की एक या दो कतारें उगाई जाती हैं।
14. पीड़क (पेस्ट) क्या हैं?
उत्तर : फसल-पौधों की वृद्धि एवं उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डालनेवाले समस्त रोगाणुओं जैसे-कीट, वाइरस, जीवाणु, कवक आदि को सम्मिलित रूप से पीड़क या पेस्ट कहते हैं।
15. मिश्रित फसल उत्पादन के एक महत्त्व का उल्लेख करें।
उत्तर : फसल को पूर्ण विफलता से बचा लेना, मिश्रित फसल-उत्पादन की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है।
16. एक कीट-पीड़क का नाम लिखें।
उत्तर : गंधी-बग (लेप्टोकोरीसा भेरीकोरनीस)
17. खरपतवार क्या है ?
उत्तर : खरपतवारों वैसे अवांछित पौधे हैं, जो फसल-पौधों के साथ-साथ स्वतः उग जाते हैं, और पैदावार को घटा देते हैं।
18. खरपतवारनाशी क्या है ?
उत्तर : खरपतवारों को नष्ट करनेवाले रसायन को खरपतवारनाशी कहते हैं।
19. किन्हीं दो सामान्य खरपतवारों के नाम लिखें।
उत्तर : चौलाई (एमौन्थस) एवं बथुआ (चीनोपोडियम) दो सामान्य खरपतवार है।
20. रोगाणु, पौधों में किन माध्यमों द्वारा प्रविष्ट होते हैं?
उत्तर : फसल-पोधों में रोगाणु, मिट्टी, पानी तथा हवा जैसे माध्यमों द्वारा पौधों के विभिन्न भागों में प्रविष्ट होते हैं।
21. पीड़कनाशी का क्या कार्य है?
उत्तर : पीड़कनाशी प्रभावी ढंग से फसल-पौधों पर आक्रमण करनेवाले रोगाणुओं को नष्ट कर देते हैं।
22. भंडारण में अनाजों को हानि पहुँचाने वाले कोई दो अजैविक कारकों के नाम लिखें।
उत्तर : नमी एवं तापमान दो अजैविक कारक हैं, जो भंडारण में अनाजों को हानि पहुँचाते हैं।
23. भंडारण के दौरान अनाजों को हानि पहुँचानेवाले किन्हीं दो जैविक कारकों के नाम लिखें।
उत्तर : फफूँद (moulds) एवं पीड़क कीट दो ऐसे जैविक कारक हैं, जो भंडारण के दौरान अनाजों को हानि पहुँचाते हैं।
24. धूमन किसे कहते हैं?
उत्तर : अनाजों के भंडारण के दौरान वाष्पशील रसायनों का उपयोग कर पीड़कों को नष्ट करने की विधि धूमन कहलाती है।
25. HYV प्रजाति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : उच्च उपजवाली समुन्नत प्रजाति को HYV (high-yielding variety) कहते हैं।
26. किन्हीं दो कीट-पीड़कनाशियों के नाम बताएँ।
उत्तर : मालाथियॉन एवं पॉलिथिऑन
27. हरी खाद में प्रयुक्त होनेवाले पौधों के नाम बताएँ।
उत्तर : मूँग, ज्वार एवं पटसन।
28. रसायनिक उर्वरक के अधिक उपयोग के दुष्प्रभाव का वर्णन करें।
उत्तर : रासायनिक उर्वरक की अधिकाधिक उपयोग से मृदा की प्रकृत (रासायनिक) परिवर्तित हो जाता है। यह या तो अधिक अम्लीय या अधिक क्षारीय हो सकती है।
29. फसल-उत्पादन क्या है ?
उत्तर : मानव एवं अन्य जंतुओं को अपनी आवश्यकताओं के पूर्ति हेतु पौधों पर निर्भर रहना पडता है। कृषि द्वारा भोज्य-पदार्थों का उत्पादन फसल-उत्पादन कहलाता है।
30. संपूषणीय प्रणाली से आप क्या समझते है ?
उत्तर : फसल-उत्पादन बढ़ाने के लिए हमारे वे प्रयास जो पर्यावरण एवं प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखनेवाले कारकों को बिना क्षति पहुँचाए अपनाई जाती है, संपूषणीय प्रणाली कहलाती है।
* लघु उत्तरीय प्रश्न
1. अनाजों का उत्पादन बढ़ाने की क्या आवश्यकता है?
उत्तर : देश की बढ़ती जनसंख्या एवं अन्न-उत्पादन के लिए सीमित कृषि-योग्य भूमि की उपलब्धता के कारण, अनाजों का उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि सभी को भोजन की आपूर्ति की जा सके।
2. मौसम के आधार पर फसल कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर : मौसम के आधार पर तीन प्रकार की फसले होती हैं.
(i) खरीफ फसलें- इन्हें हम वर्षाऋतु में उपजाते हैं; जैसे धान, बाजरा, मकई, ईख, कपास आदि।
(ii) रवी फसलें-इन्हें हम शीतऋतु में उपजाते हैं, जैसे- गेहूँ, चना, तीसी, मटर, सरसों आदि।
(iii) ग्रीष्मकालीन फसलें- इन्हें हम गर्मी के मौसम में उपजाते हैं; जैसे मकई, उरद, मूँग आदि।
3. समुन्नत किस्मों के एक मुख्य गुण एवं एक मुख्य दोष को लिखें।
उत्तर : समुन्नत किस्मों का एक मुख्य गुण है कि उनसे अधिक पैदावार की प्राप्ति होती है; जबकि मुख्य दोष यह है कि इनसे पशुओं के लिए चारे का उत्पादन कम होता है।
4. संकरण के लिए किस प्रकार के जनकों का चयन किया जाता है?
उत्तर : संकरण के लिए निम्नांकित तीन प्रकार के चयन किए जाते हैं- (i) अंतराकिस्मीय संकरण - विभिन्न किस्म के जनकों के बीच किया जाता है। (ii) अंतरास्पोशिज संकरण - जो दो विभिन्न प्रजातियों के जनकों के बीच किया जाता है। (iii) अंतरावंशीय संवरण - जिसे दो विभिन्न वंश के जनकों के बीच किया जाता है।
5. वृहत पोषक तत्त्व क्या है ? इन्हें वृहत पोषक तत्त्व क्यों कहते हैं?
उत्तर : ऐसे तत्त्व जिनकी आवश्यकता पौधों को अधिक मात्रा में होती हैं, वृहत पोषक तत्त्व कहते हैं। इनमें 6 पोषक तत्त्वों - N, P, K, Ca, Mg एवं S की आपूर्ति मृदा से होती है और इनकी जरूरत पौधों की वृद्धि एवं विकास, जनन तथा रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है इसलिए इन्हें वृहत पोषक तत्त्व कहते हैं।
6. पौधे अपना पोषक किस प्रकार प्राप्त करते हैं?
उत्तर : पौधे अपना पोषक, हवा, पानी एवं मृदा से प्राप्त करते हैं। हवा से कार्बन एवं ऑक्सीजन, पानी से हाइड्रोजन एवं मृदा से अन्य वृहत एवं सूक्ष्म पोषकों को प्राप्त करते हैं।
7. रासायनिक उर्वरक का उपयोग प्राकृतिक उर्वरक की तुलना में आसान क्यों है?
उत्तर : प्राकृतिक उर्वरक की अपेक्षा, रासायनिक उर्वरकों के सांद्र रूप में होने के कारण इनका परिवहन, भंडारण और फसलों पर अनुप्रयोग में आसानी के कारण, रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करना आसान होता है।
8. कार्बनिक खेती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : कार्बनिक खेती वह पद्धति है जिसमें खेती के दौरान रासायनिक उर्वरको पीडकनाशकों तथा अन्य रसायनों का उपयोग कम-से-कम या न के बराबर करके फसल उत्पादन बढाई जाती है। इस पद्धति में प्राकृतिक सतुलन बिगड़ने का खतरा कम होता है।
9. फसलों के लिए सिंचाई की क्या आवश्यकता है?
उत्तर : फसलों के लिए सिंचाई की आवश्यकता इसलिए है कि (i) जल, फसल-पौधों को हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन जैसे वृहत पोषक तत्त्व की आपूर्ति करता है। (ii) बीज अंकुरण के लिए नमी की आपूर्ति जल द्वारा होती है। (iii) जड़ों की वृद्धि एवं विकास सिंचाई-जल पर निर्भर करता है। (iv) सिंचाई से पौधों की वायवीय शाखाओं की वृद्धि निर्भर है। (v) पौधों को खनिज लवणों की आपूर्ति हेतु सिंचाई आवश्यक है।
10. नदी-जल उठाव-प्रणाली में क्या होता है ?
उत्तर : कृषि-भूमि की उचित एवं सामयिक सिंचाई हेतु जब आसपास मौजूद नदियों से जल सीधे खींचकर सिंचाई की जाती है, तो इसे नदी-जल उठाव-प्रणाली द्वारा सिंचाई कहते हैं।
11. मिश्रित फसल-उत्पादन एवं अंतरफसल-उत्पादन में क्या अंतर है?
उत्तर : मिश्रित फसल-उत्पादन यह कृषि-पद्धति है जिसमें एक से ज्यादा फसलों का उत्पादन एक ही भूखंड पर साथ-साथ किया जाता है, जबकि अंतरफसल-उत्पादन, मिश्रित फसल-उत्पादन का ही एक बदला रूप है जिसमें दो या दो से अधिक फसलों को एक निश्चित पैटर्न में उगाया जाता है। जैसे- धान फसल की एक कतार के बाद फलीदार फसलों की एक या दो कतारें लगाई जाती हैं।
12. फसल-चक्रण के लिए दलहन पौधों का चुनाव क्यों किया जाता है ?
उत्तर : फसल-चक्रण में दलहनी पौधों का चुनाव, मृदा में पोषक तत्त्वों की पुन: पूर्ति हेतु की जाती है, क्योंकि दलहन पौधों की जड़ों में राइजोबियम नाम जीवाणु की गाठें पाई जाती हैं, जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन को नाइट्रेट में स्थिरीकरण का कार्य करती हैं और मृदा में पुनः इसे प्रतिस्थापित कर देती हैं।
13. फसल-सुरक्षा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : फसल-सुरक्षा वह प्रक्रिया है, जिसमें फसल-पौधों को विभिन्न तरीकों से पीड़कों एवं अन्य हानिकारक जीवों से मुक्त रखने का प्रयास किया जाता है।
14. खेतों में खरपतवारों को फसलों से मुक्त करना क्यों जरूरी है ?
उत्तर : खरपतवार, फसल को उपलब्ध होनेवाले पोषक तत्त्वों, जैसे- जल, प्रकाश एवं स्थान आदि के अधिकांश भाग को ग्रहण कर लेते हैं, जिसके कारण फसल-पौधों की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, फलस्वरूप पैदावार काफी घट जाती है। इन्हीं कारणों से खेतों को खरपतवारों से मुक्त रखा जाता है।
15. पीड़कनाशी क्या हैं? खेती में इसका उपयोग क्यों करते हैं?
उत्तर : आधुनिक वैज्ञानिक कृषि में अधिक पैदावार के लिए फसलों की रोगों से सुरक्षा के लिए उपयोग में आनेवाले रसायनों को पीड़कनाशी कहते हैं। पीड़कनाशी के अंतर्गत शाकनाशी, कीटनाशी एवं कवकनाशी सम्मिलित रूप से आते हैं। इनका उपयोग फसल बोने से पूर्व बीजों को रोगाणुमुक्त करने में तथा फसलों को पादप सूक्ष्मजीव-रोगाणुओं तथा कीट-पीड़कों के प्रकोप से बचाकर अधिक उत्पादन के लिए किया जाता है।
16. नमी और तापमान खाद्यान्नों को कैसे प्रभावित करते हैं?
उत्तर : खाद्यान्नों में नमी एवं तापमान की अधिकता सूक्ष्मजीवों, कवकों आदि की वृद्धि एवं क्रियाशीलता को बढ़ा देती है, जिसके कारण अनाजों के वजन तथा अंकुरण क्षमता में कमी आ जाती है।, इस स्थिति में खाद्यान्न-उत्पादन की कीमत तथा गुणवत्ता का हास भी होता है।
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