1. जीवों का वर्गीकरण क्यों जरूरी है ?
उत्तर : जैव विविधता एवं जैव विकास के अध्ययन की सरलता हेतु जीवों का वर्गीकरण जरूरी है।
2. वर्गिकी का जनक किसे कहते हैं?
उत्तर : कैरोलस लिन्नियस को।
3. किन आधारों पर जीवों को विभिन्न समूहों में रखा जाता है?
उत्तर : कोशिकीय संरचना, पोषण स्रोत, शारीरिक संरचना, शारीरिक संगठन के आधार पर जीवों को विभिन्न समूहों में रखा जाता है।
4. आदिम जीव किसे कहते हैं?
उत्तर : वैसे जीव जिनके शारीरिक संरचना में प्राचीन काल से आजतक कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ हो, उसे आदिम जीव कहते हैं।
5. अपेक्षाकृत उन्नत जीव को क्या कहते हैं?
उत्तर : जटिल जीव।
6. मोनेरा को किस आधार पर अलग किया गया है?
उत्तर : एक संगठित केंद्रक और विभिन्न कोशिकाओं की अनुपस्थिति के आधार पर।
7. प्रोटिस्टा के दो उदाहरण लिखें।
उत्तर : अमीबा, यूग्लीना।
8. शैवाल को किस विभाग में रखा गया है ?
उत्तर : थैलोफाइटा विभाग में।
9. शैवाल तथा कवक के बीच सहजीवी संबंध का एक उदाहरण दें।
उत्तर : लाइकेन।
10. ब्रायोफाइटा की एक विशेषता को लिखें।
उत्तर : संवहन ऊतक अनुपस्थित।
11. संघ पॉरीफेरा के दो उदाहरण दें।
उत्तर : स्पंजिला एवं साइकन।
12. दो समुद्री जंतुओं (एक वर्ग मत्स्य तथा एक संघ इकाइनोडमेंटा से) के नाम लिखें।
उत्तर : विद्युत रे (Torpido), तारामछली (Astiriaus) क्रमशः मत्स्य वर्ग एवं इकाइनोडर्मेटा संघ के दो समुद्री जंतुओं के उदाहरण हैं।
13. नम मिट्टी में पाए जानेवाले एक एनीलिडा का नाम लिखें।
उत्तर : केंचुआ (फेरिटीमा पोस्थमा)।
14. एक स्वतंत्रजीवी प्लेटीहेल्मिन्थीज का नाम लिखें।
उत्तर : प्लैनेरिया।
15. उपसंघ वर्टिब्रेटा की एक प्रमुख विशेषता बताएँ।
उत्तर : नोटाकॉर्ड मेरूदण्ड में रूपांतरित हो जाती है।
16. संघ कॉर्डेटा की एक विशेषता का उल्लेख करें।
उत्तर : नोटोकॉड (पृष्ठरज्जु) की उपस्थिति।
* लघु उत्तरीय प्रश्न
1. वर्गिकी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : जीवों में विविधता के अध्ययन को सहज करने हेतु वैज्ञानिकों द्वारा उनकी समानताओं एवं विषमताओं के आधार पर उन्हें विभिन्न समूहों में बाँटना, वर्गीकरण कहलाता है। जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों के वर्गीकरण, उनके जैविक नामकरण तथा उससे संबंधित सिद्धांत को अध्ययन किया जाता है, उसे वर्गिकी अथवा वर्गीकरण विज्ञान (taxonomy) कहते हैं।
2. वर्गीकरण की इकाइयों के नाम लिखें।
उत्तर : वर्गीकरण की अनेक इकाइयाँ हैं, जैसे-जगत (किंगडम), संघ (फाइलम) (जंतु) डिवीजन (पादप), वर्ग (क्लास), गण (ऑर्डर), कुल (फैमिली), वंश (जीनस), जाति (स्पीशीज)। इन इकाइयों को और भी छोटी इकाइयों में बाँटा जाता है, जैसे उपसंघ, उपवर्ग, उपवंश तथा उपजाति।
3. पाँच जगत वर्गीकरण का आधार क्या है ?
उत्तर : रॉबर्ट ह्रिटेकर (1969) ने जीवों की कोशिकीय संरचना; इनका अकेले या समूहों में अस्तित्व एवं कार्य; इनमें पोषण के स्रोत एवं तरीक्ने तथा उनके शारीरिक संगठन, सजीवों के पाँच-जगत वर्गीकरण के आधार हैं।
4. कवकों को अलग जगत फंजाई में क्यों रखा गया?
उत्तर : कवक विषमपोषी यूकैरियोटिक जीव है, जिनमें से कई अपने जीवन की विशेष अवस्था में बहुकोशिकीय क्षमता प्राप्त कर लेते हैं। इनमें निम्नलिखित लक्षणों की उपस्थिति के कारण इन्हें अलग जगत फँजाई में रखा गया है
(i) क्लोरोफिल वर्णक की अनुपस्थिति के कारण, परजीवी, सहजीवी एवं मृतजीवी की तरह पोषण के तरीके।
(ii) काइटिन नाम जटिल शर्करा की बनी उनकी कोशिकाभित्ति
5. जीवाणुओं के विभिन्न रूपों के नाम लिखें।
उत्तर : जीवाणुओं के रूप
(क) गोल -कोकाई (Cocci)
(ख) दंडाकार-बैसीलस (Bacillus)
(ग) कार्कस्क्रू-स्पाइरीला (Spirilla)
(घ) कॉमा-वाइब्रो (Vibro)
6. पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं? इस वर्गीकरण का क्या आधार है ?
उत्तर : पादप जगत के प्रमुख वर्ग हैं- थैलोफाइटा, ब्रायोफाइटा, टेरिडोफाइटा, जिम्नोस्पर्म एवं एंजियोस्पर्म । इन विभिन्न प्रमुख वर्गों में वर्गीकरण का मुख्य आधार निम्नलिखित हैं-
(क) पादप शरीर के प्रमुख घटक पूर्णरूपेण विकसित एवं विभेदित है अथवा नहीं।
(ख) जल एवं अन्य पदार्थों के संवहन हेतु संवहन ऊतक उपस्थित है, अथवा नहीं।
(ग) पौधों में बीज धारण की क्षमता है, अथवा नहीं।
(घ) बीजधारण की क्षमता है, तो बीज नग्न है या फलों के अंदर विकसित होते हैं।
(ङ) बीज में एक बीजपत्र हैं या दो।
7. प्रोटिस्टा में किस प्रकार के जीवों को सम्मिलित किया गया है?
उत्तर : प्रोटिस्टा में विभिन्न प्रकार के जलीय, एककोशिकीय, सरल यूकैरियोटिक सूक्ष्मजीवों को सम्मिलित किया गया है; जैसे- शैवाल, डाइएटम, अमीबा इत्यादि।
8. थैलोफाइटा के दो मुख्य लक्षणों को लिखें।
उत्तर : थैलोफाइटा के दो प्रमुख लक्षण हैं-
(क) अविभेदित पादप शरीर 'थैलस' के रूप में रहता है।
(ख) संवहनीय तंत्र अनुपस्थित रहता है।
9. ब्रायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा के बीच दो मुख्य अंतरों को स्पष्ट करें।
उत्तर : व्रायोफाइटा
(i) पादप शरीर थैलस या तने तथा पत्तियों में विभेदित रहता है।
(ii) संवहन तंत्र अनुपस्थित रहता है।
टेरिडोफाइटा
(i) पादप शरीर जड़, तना एवं पत्तियों में विभेदित रहता है।
(ii) संवहन तंत्र मौजूद रहता है।
10. किस आधार पर फैनरोगैम्स को दो भागों में विभाजित किया गया है ?
उत्तर : बीज की अवस्था के आधार पर फैनरोगेमस को दो भागों में विभाजित किया गया है-
(i) जिम्नोस्पर्म : नग्न बीज उत्पन्न करनेवाले पौधे
(ii) एंजियोस्पर्म : फल के अंदर (बंद) बीज उत्पन्न करनेवाले पौधे
11. संघ एस्केल्मिन्थोज या निमेटोडा के तीन विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर : एस्केल्मिन्थीज संघ के जीवों की निम्नलिखित तीन विशेषताएँ हैं-
(i) शरीर लंबा, बेलनाकार, अखंडित तथा द्विपार्श्व सममित होता है।
(ii) कूटसीलोम उपस्थित होता है।
(iii) अधिकांशतः परजीवी होते हैं। इन्हें साधारणतया 'गोलकृमि' कहते हैं।
12. संघ आर्थ्रोपोडा के तीन प्रमुख लक्षणों का उल्लेख करें ?
उत्तर : आर्थ्रोपोडा संघ के जीवों के तीन प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं- (i) शरीर द्विपार्श्वसममित, त्रिकोरिक एवं खंडित होता है। (ii) मजबूत संघित उपांग की उपस्थिति होती है। (iii) शरीर कठोर एवं निर्जीव क्यूटिकल के बाह्य कंकाल द्वारा ढँका होता है।
13. मछलियों के विशेषताओं का उल्लेख करें?
उत्तर : मछलियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं- (i) मछलियाँ प्रायः समुद्र और मीठे जल दोनों जगहों पर पाई जाती हैं। (ii) इनकी त्वचा शल्क अथवा प्लेटों से ढँकी होती है। (iii) इनकी शरीर धारारेखीय होता है। (iv) ये असमतापी होती हैं। (v) इनकी अंतःकंकाल अस्थि या उपास्थि का बना होता है। (vi) इनका श्वसन गिल्स द्वारा होती है। (vii) इनका हृदय द्विकक्षीय होता है। (viii) ये अंडे देती हैं।
14. संघ कॉर्डेटा की तीन प्रमुख लक्षणों का उल्लेख करें?
उत्तर : कॉर्डेटा संघ के जीवों के तीन प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं- (i) नोटोकॉर्ड की उपस्थिति। (ii) जीवन के किसी-न-किसी अवस्था में ग्रसनी क्लोम पाया जाता है। (iii) पृष्ठीय नलाकार उपस्थित होता है।
15. वर्ग मैमेलिया की चार विशिष्ट लक्षणों का उल्लेख करें।
उत्तर : वर्ग मैमेलिया की चार विशिष्ट लक्षण इस प्रकार हैं- (i) ये नियततापी होते हैं।
(ii) इनमें नवजात के पोषण के लिए स्तन पाए जाते हैं। (iii) इनकी त्वचा बालों से ढँका रहता है।
(iv) इनमें बाह्यकर्ण (pinna) उपस्थित होता है।
16. द्विपार्श्व सममित जंतु से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : जब किसी जंतु के शरीर को एक काट द्वारा दो समान भागों में इस तरह से बांटा जा सकता है, जिससे बाएँ एवं दाहिने भाग की रचनाएँ एक-दूसरे के समान होती है तो ऐसे जंतु को द्विपार्श्वसममित जंतु कहते हैं।
17. जीवविज्ञान की शाखा जिसके अंतर्गत जीवों का वर्गीकरण तथा जैविक बीमकरण एवं उससे संबंधित सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है, क्या कहलाता है?
उत्तर : द्विनाम पद्धति, जीवों के नामकरण की वह वैज्ञानिक पद्धति है, जिसे सर्वप्रथम कैरोलस लिन्नियस ने 18वीं शताब्दी में प्रारंभ की थी। इस पद्धति के अनुसार किसी जीव का वैज्ञानिक नाम दो नामों द्वारा उल्लेखित किया जाता है। इसमें एक नाम वंश का है, जिसे अंग्रेजी के बड़े अक्षर से शुरू करते हैं, और दूसरा नाम जाति का होता है, जिसे अंग्रेजी के छोटे अक्षर से लिखा जाता है, जब इसे हाथ से लिखा जाता है। उदाहरण के लिए-मेढ़क का वैज्ञानिक नाम राना टिग्रीना (Rana tigrina) है, इसमें राना 'वंश' का एवं टिग्रीना 'जाति' का नाम है।
18. पृथ्वी पर जीवों की उत्पत्ति सर्वप्रथम लगभग कितने वर्ष पूर्व हुई थी ?
उत्तर : धरती पर सर्वप्रथम जीवों की उत्पत्ति 3.5 बिलियन वर्ष पूर्व हुई थी। उस समय के जीव एक कोशिए एवं सरल आकृति के थे। इन्हीं जीवों से आज विकसित जीवों की उत्पत्ति हुई है।
19. क्लोरोफिल वर्णकविहीन पौधों को किस जगत (kingdom) में रखा गया है?
उत्तर : फँजाई जगत के पौधों में क्लोरोफिल वर्णक नहीं पाया जाता है। इस जगत के पौधे बहुकोशिय, परजीवी, सहजीवी और मृतजीवी होते हैं। फंजाई जगत की मशरूम प्रजाति संपूर्ण विश्व में पाई जाती है।
20. जीवों का पाँच जगत वर्गीकरण किस वैज्ञानिक के द्वारा स्थापित किया गया है ?
उत्तर : वह्वीटेकर ने पाँच जगत वर्गीकरण को स्थापित किया। इस अनुसार 5 जगत इस प्रकार हैं—(i) मोनेरा (Monera), (ii) प्रोटिस्टा (Protista), (iii) फँजाई (Fungi), (iv) प्लांटी (Plantae), (v) एनिमेलिया (Animalia) ।
21. वैसे सूक्ष्मजीव जिनके कोशिकांग झिल्ली से घिरे नहीं होते हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर : वैसे सूक्ष्मजीव जिनके कोशिकांग झिल्ली से घिरे नहीं होते हैं प्रोकैरियोटिक (Procaryotic) कहलाते हैं। इनमें केंद्रक झिल्ली एवं वास्तविक केंद्रक भी नहीं होता है। इनके अस्पष्ट केंद्रक क्षेत्र में केवल क्रोमैटिन पदार्थ रहता है।
22. बीजरहित पौधों को पादप जगत के किस उपजगत में रखा गया है ?
उत्तर : आइकलर ने बीज रहित पौधों को क्रिप्टोगैम्स (crypto gams) उप जगत में रखे गये हैं। इनमें वास्तविक जड़, तना तथा पत्ती नहीं होती। इनमें संवहन तंत्र अनुपस्थित होता है।
23. पादप जगत का वह उपजगत जिसमें बीजयुक्त पौधे सम्मिलित किए गए हैं, क्या कहलाता है ?
उत्तर : बीजयुक्त पौधे को आइकलर ने फेनरोगैम्स (phanerogam) उपजगत के अंतर्गत रखा। इनमें वास्तविक जड़, तना, पत्ती एवं संवहन तंत्र होते हैं।
24. थैलोफाइट, ब्रायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा पादप जगत के किस उपजगत में सम्मिलित हैं?
उत्तर : उपजगत क्रिप्टोगैम्स के अंतर्गत तीन विभाग किए गए हैं। इस विभाग में थैलोफाइटा (Thallophyta), ब्रायोफाइटा (Bryophyta) एवं टेरिडो फाइटा (Teridophyta) शामिल हैं।
25. बीजयुक्त पौधों को पादप जगत के किस उपजगत में रखा गया है ?
उत्तर : बीजयुक्त पौधे को आइकलर ने फेनरोगैम्स (phanerogam) उपजगत के अंतर्गत रखा। इनमें वास्तविक जड़, तना, पत्ति एवं संवहन तंत्र होते हैं।
26. वैसे पौधों को जिनका शरीर जड़, तना एवं पत्तियों में विभाजित नहीं होता है उपजगत क्रिप्टोगैम्स के किस विभाग में सम्मिलित किए गए हैं?
उत्तर : आइकलर ने बीज रहित पौधों को क्रिप्टोगैम्स (cryptogams) उप जगत में रखे गये हैं। इनमें वास्तविक जड़, तना तथा पत्ती नहीं होती। इनमें संवहन तंत्र अनुपस्थित होता है।
27. ऐगार का उत्पादन किस प्रकार के शैवालों से किया जाता है?
उत्तर : स्वच्छ जल में पाए जाने वाले शैवाल सरल होते हैं। एगार (agar) जिसकी आवश्यकता प्रयोगशाला में सूक्ष्मजीवों के कल्चर के लिए होती है, का उत्पादन लाल शैवाल (Red algae) से होता है।
28. शैवालों के वैसे जातियों का नाम बताएँ जो विशेष प्रकार के कवकों के साथ स्थायी अंतर्संबंध बनाती है।
उत्तर : शैवालों की कुछ जातियाँ खास कवकों के साथ स्थायी अंतर्संबंध बनाती हैं। इसे सहजीविता (Symbiosis) कहते हैं। लाइकेन इसक प्रमुख उदाहरण हैं।
29. वैसे पौधे जिनके बीज फलों के भीतर नहीं बनते हैं, को उपजगत फैनरोगैम्स के किस विभाग में रखा गया है ?
उत्तर : वैसे पौधे जिनके बोझ फलों के भीतर नहीं बनते हैं। को उपजगत फैनरोगेम्स के जिम्नोस्पर्म (Gymnosperm) विभाग में रखा गया है।
30. एकवीजपत्री पौधों के पत्तियों में किस प्रकार का शिरा-विन्यास होता है?
उत्तर : एक बीजपत्री पौधों के पत्तियों में शिरा विन्यास समानांर (parallel) होता है?
31. वैसे जंतु जिनके शरीर दो जनन-स्तरों का बना होता है, क्या कहलाते हैं?
उत्तर : एक्टोडर्म (Ectoderm) तथा एण्डोडर्म (Endoderm) नामक दो जनन स्तरों (germinal layers) नामक दो जनन स्तरों (germinal layers) से निर्मित जंतु द्विस्तरीय कहलाते हैं। ये diploblastic, Triplo blasic हो सकते हैं।
32. वैसा जंतु जिसके शरीर को एक काट के द्वारा दो हू-बहू समान भागों में बाँटा जा सकता है, क्या कहलाता है?
उत्तर : अरीर सममित (Radial symmery) में जंतु को केंद्र स्थान से अर्धव्यासों पर एक से अधिक भागों में बाँटा जा सकता है। मेढ़क एवं हाइड्रा इसके उदाहरण हैं।
33. स्पंजों को जंतु जगत के किस संघ में सम्मिलित किया गया है ?
उत्तर : पोरीफेरा संघ में स्पंज शामिल हैं। ये अधिकांश समुद्री हैं। ये बहुकोशिए जंतु हैं। उदाहरण – साइकन, हायलोनेमा, यूप्लेकटेला, स्पंजिला आदि स्पंज हैं !
34. संघ पॉरिफेरा के जंतुओं में अलैगिक विधि से होने वाला प्रजनन विधि क्या कहलाता है?
उत्तर : पेरिफेराके जंतु, अलैंगिक विधि मुकुलन (budding) या जेम्यूल (gemmule) विधि द्वारा होत है।
35. संघ सीलेंटरेटा या नाइडेरिया के शरीर में पाए जानेवाली वैसी कोशिकाएँ जो शरीर की रक्षा तथा शिकार को पकड़ने में सहायक होते हैं, क्या कहलाती है?
उत्तर : इस संघ के जीवों की देहभित्ति में दंश कोशिकाएँ पाई जाती हैं। ये कोशिका आत्मरक्षा, वस्तु से चिपकने या शिकार पकड़ने में सहायता करती हैं।
36. वैसी कोशिकाएँ जो संघ सीलेंटरेटा के जंतुओं के अतिरिक्त जंतु जगत में अन्यत्र नहीं पाई जाती हैं, क्या कहलाती है ?
उत्तर : नाइडोब्लास्ट (Cnidoblast) या दंश कोशिका संघ सीलेंटरेटा के जंतुओं में हीं पाई जाती हैं।
37. वैसे जंतु जिनके शरीर में देहगुहा नहीं होती है, क्या कहलाते हैं?
उत्तर : प्लेटिहेल्मिन्थीज (Platyhelminthes) संघ के जीवों में देह गुहा नहीं पाई जाती है।
38. संघ प्लेटीहेल्मिन्थीज के एक ऐसे जंतु का नाम बताएँ जो स्वतंत्रजीवी होता है?
उत्तर : प्लेनेरिया स्वतंत्र जीवी है। यह संघ प्लेटीहेल्मिन्थीज का जीव है।
39. कूटसीलोम की उपस्थित किस संघ के जंतुओं का लक्षण है ?
उत्तर : स्केल्मिन्थीज (Schelminthes) संघ के शरीर में मिथ्यादेह गुहा (false coelom) पाया जाता है, जो कूट सीलोम (Pseudocoelom) कहलाता है।
40. संघ एनीलिडा के जंतुओं में प्रचलन के लिए पाई जानेवाली कॉटेनुमा रचनाएँ क्या कहलाती है?
उत्तर : इन्हें शूक (Spatae or Choeta) कहते हैं।
41. जंतु जगत का सबसे बड़ा संघ कौन-सा है ?
उत्तर : अर्थोपोडा (Arthropoda) जंतु जगत का सबसे बड़ा संघ है। ज्ञात जंतुओं में 75% इसी संघ के सदस्य हैं।
42. उत्सर्जी अंग मैलपीगियन नलिकाओं की उपस्थिति किस संघ के जंतुओं के लक्षण हैं ?
उत्तर : अर्थोपोड़ा संघ के जंतुओं का मैलपीगियन (Malpighian tubules) उत्सर्जी अंग हैं।
43. घोंघा का शरीर जिस कोमल झिल्ली के द्वारा घिरा होता है, वह क्या कहलाता है ?
उत्तर : घोंघा का शरीर एक कोमल झिल्ली द्वारा ढँका रहता है। इसे प्रवार या मेंटल (mantel) कहते हैं।
44. संघ इकाइनोडर्मेटा के जंतुओं के शरीर में स्थित वह तंत्र जो प्रचलन एवं श्वसन में सहायक होती है, क्या कहलाता है ?
उत्तर : इसमें एक विशेष प्रकार का जल परिवहन तंत्र या जलसंवहन नालतंत्र (Water Vascular system) होता है। यह प्रचलन एवं श्वसन में सहायता प्रदान करता है।
45. उपसंघ वर्टिब्रेटा का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर : बर्टिबेटा (Vertcbrata) संघ के जंतुओं का मस्तिष्क काफी जटिल होता है। यह एक क्रेनियम (cranium) में बंद होता है। इस कारण इसे क्रेनियेय (craniata) भी कहते हैं।
46. मछलियों के श्वसन अंग क्या कहलाते हैं?
उत्तर : मछलियों के श्वसन अंग क्लोम या गिल्स (gills) कहलाते हैं।
47. वैसे वर्टिब्रेटा जो जल एवं स्थल दोनों वास-स्थानों में रह सकते हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर : एम्फिबिया वर्ग के जंतु जल और स्थल दोनों पर निवास करने में सक्षम हैं। इन्हें उभयचर (amphibious) कहा जाता है।
48. वर्ग रेप्टीलिया के जंतुओं में निषेचन किस प्रकार का होता है ?
उत्तर : इनमें अंत; निषेचन (Internal fertilizations) होता है। यह ठंडे जल में न देकर
स्थल पर हीं देते हैं। इनमें लार्वा वस्था नहीं होती।
49. किस वर्ग के जंतुओं का अंतःकंकाल हल्की तथा स्पंजी हड्डियों का बना होता है ?
उत्तर : पक्षी (aves) वर्ग के जंतुओं का कंकाल हल्की एवं स्पंजी होता है। इस कारण इन्हें उड़ने में सहायता मिलती है।
50. रेप्टीलिया, एवीज तथा मैमेलिया में कौन नियततापी जंतु होता है ?
उत्तर : पक्षीवर्ग नियततापी जंतु है। अर्थात इनके शरीर का तापक्रम वातावरण के अनुसार नहीं बदलता है।
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Physics (भौतिकी)
Chemistry (रसायन)
Biology (जीव विज्ञान)
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