Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

9th class physice chapter 3 | 9 क्लास physics पाठ 3 | बल तथा गति के नियम




प्रश्न 1. बल बस्तू में क्या उत्पन्न कर सकता है ?

उत्तर- बल वस्तु में त्वरण उत्पन्न कर सकता है

प्रश्न 2. बल या बलों का समूह किसी वस्तु पर लगकर कितने कार्य कर सकते हैं ?

उत्तर- 3 कार्य कर सकते हैं जो निम्नलिखित है

(i) बल या बलों का समूह किसी वस्तु की चाल में परिवर्तन ला सकता है

(ii) बल या बलों का समूह किसी वस्तु की गति की दिशा में परिवर्तन ला सकता है

(iii) बलों का समूह किसी वस्तु की आकृति बदल सकता है |

प्रश्न 3. क्या बल को परिमाण होता है ?

उतर- हां, बल को परिमाण और दिशा दोनों होता है

प्रश्न 4. बल कौन सी राशि है ?

उत्तर- बल एक सदिश राशि है

प्रश्न 5. बल का लगाव बिंदु से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- वह बिंदु जिस पर बल लगता है उस बल का लगाओ बिंदु कहलाता हैं

प्रश्न 6. संतुलित बल से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- किसी वस्तु पर एक साथ कार्य कर रहे बलों का परिणामी यदि शून्य हो , तो वे बल संतुलित कहलाते हैं

दूसरे शब्दों में

यदि बलों का एक समूह किसी वस्तु पर लगकर उसमें त्वरण उत्पन्न नहीं करता है , तो वह बल संतुलित बल कहलाते हैं

प्रश्न 7. असंतुलित बल से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर - यदि वस्तु में अशून्य त्वरण उत्पन्न हो तो उन बलों को असंतुलित बल कहते हैं |

प्रश्न 8. वस्तुओं पर आरोपित होनेवाले बलों को मुख्यतः कितने वर्गों में बाँटा गया है ?

उत्तर - 1. स्पर्श बल और,  2. दूरी-पर-क्रिया बल

1. स्पर्श बल - जब एक वस्तु दूसरी वस्तु के संपर्क (contact) में हो, तो, दोनों एक-दूसरे पर बल लगा सकते हैं। ऐसे बलों को, जो वस्तुओं के भौतिक स्पर्श (physical contact) से आरोपित होते हैं, स्पर्श बल (contact force) कहा जाता है। ऐसे बलों के कुछ मुख्य उदाहरण निम्नलिखित हैं।

(i) अभिलंब बल-जब स्पर्श बल वस्तुओं के संपर्क की सतहों के लंबवत लगते हों, तो उन्हें अभिलंब बल (normal forces) कहते हैं। उदाहरण के लिए, जब एक किताब टेबुल पर रखी हुई हो, तो किताब टेबुल पर नीचे की ओर और टेबुल किताब पर ऊपर की ओर बल लगाते हैं 

(ii) तनाव - जब किसी वस्तु को एक डोरी (string) से बाँधकर डोरी को ताना जाता है, तो डोरी वस्तु को खींचती (pull) है; जैसे एक पत्थर को एक डोरी से, बाँधकर लटका दिया जाए तो डोरी पत्थर को ऊपर की ओर खींचती है। ,डोरी से बँधी वस्तु पर डोरी द्वारा लगाए गए बल के परिमाण को तनाव (tension) कहते हैं।

(iii) घर्षण बल - जब कभी कोई वस्तु किसी दूसरी सतह पर सरकती है या लुढ़कती है या चलने की चेष्टा करती है तब स्पर्श (संपर्क) में आनेवाली सतहों के बीच घर्षण-बल उत्पन्न हो जाता है जो हमेशा गति की विपरीत दिशा में कार्य करता है। संपर्क की सतहें जितनी चिकनी (smooth) होंगी, घर्षण का बल उतना ही कम होगा और सतहें जितनी रुखड़ी (rough) होंगी, घर्षण का बल उतना ही अधिक होगा।

प्रश्न 9 .गुरुत्व बल किसे कहते हैं ?

उत्तर  - पृथ्वी वस्तुओं को जिस बल से अपनी ओर आकर्षित करती है, उसे गुरुत्व-बल (force of gravity) कहते हैं।

प्रश्न 10. दूरी-पर-क्रिया बल किसे कहते हैं

उत्तर - चुंबकीय बल, विद्युतीय बल, गुरुत्व-बल आदि को दूरी-पर-क्रिया बल (action-at-distance force) कहते हैं।

प्रश्न 11. कौन बल हमेशा किसी वस्तु की गति की दिशा के विपरीत लगता है ?

उत्तर - घर्षण बल

प्रश्न 12. मांसपेशीय बल किसे कहते हैं ?

उत्तर - शरीर द्वारा लगाए गए बल को मांसपेशीय बल  कहते हैं

प्रश्न 13. अरस्तु कहां के महान दार्शनिक है ?

 उत्तर - यूनान

प्रश्न 14. गैलीलियो की खोज को क्या कहा जाता है ?

उत्तर - जड़त्व का नियम

प्रश्न 15. गैलीलियो कहां के विज्ञानिक थे ?

उत्तर - इटली

प्रश्न 16. वस्तुओं को ऊपर उछलने पर उनके नीचे गिरने का क्या कारण है ?

उत्तर - पृथ्वी द्वारा लगे गुरुत्वाकर्षण बल

प्रश्न 17. न्यूटन का प्रथम गति नियम लिखें ?

उत्तर - प्रत्येक वस्तु अपने विराम की अवस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था बनाए रखती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करें

इस नियम को गैलीलियो का जड़त्व नियम कहा जाता है

प्रश्न 18. जब बाहरी असंतुलित बल शून्य होगा तो त्वरण क्या होगा ?

उत्तर - शून्य

प्रश्न 19. न्यूटन के प्रथम गति नियम द्वारा बल को परिभाषित करें ?

उत्तर - बल वह भौतिक कारण है जो किसी वस्तु पर कार्य कर उसकी विराम की अवस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में परिवर्तन लाता है अथवा लाने की चेष्टा करता है

प्रश्न 20. न्यूटन का प्रथम गति नियम क्या बताता है ?

उत्तर - न्यूटन का प्रथम गति नियम बताता है कि वस्तु के वेग में परिवर्तन लाने अर्थात उसमें त्वरण उत्पन्न करने का कारण सिर्फ बल ही है

प्रश्न 21. जड़त्व को परिभाषित करें ?

उत्तर - जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है जिसके कारण वह अपनी विरामावस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती है 

जड़त्व दो प्रकार का होता है 

1. विराम का जड़त्व और 2. गति का जड़त्व

विराम का जड़त्वइस जड़त्व के कारण वस्तु की विराम अवस्था में ही रहने की प्रवृत्ति होती है

गति का जड़त्वइस जड़त्व के कारण बस्तू एक सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में अपनी गति की अवस्था को बनाए रखने की प्रवृत्ति होती है

प्रश्न 22. दैनिक जीवन में विराम के जड़त्व का उदाहरण लिखें ?

उत्तर - विराम के जड़त्व के उदाहरण निम्नलिखित हैं

(i) [बस या रेलगाड़ी के अचानक चलने से उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर गिर जाता है] 

(ii) [कंबल को तेजी से झटकने पर धूल के कण अलग हो जाते हैं] 

(iii) [छड़ी के प्रहार द्वारा दरी की धूल का झटना] 

(iv) [पेड़ की शाखा को जोर से हिलाने पर फलों  और पत्तियाँ का झड़ना] 

(v) [काँच की खिड़की पर बंदूक से दागी गई गोली और फेंके गए पत्थर के टुकड़े का प्रभाव] 

प्रश्न 23. बस या रेलगाड़ी के अचानक चलने से उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर क्यों गिर जाता है ?

उत्तर - जब कोई बस या रेलगाड़ी रुकने के बाद एकाएक चलना शुरू करती है तो उसपर सवार व्यक्ति के पैरों और फर्श के बीच घर्षण के कारण पैर भी चलना शुरू कर देते हैं, जबकि उसके शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण विराम की अवस्था में बना रहता है। इस कारण वह गति की विपरीत दिशा में झुक जाता है

प्रश्न 24. कंबल को तेजी से झटकने पर धूल के कण अलग हो क्यों जाते हैं ?

उत्तर - कंबल को झटकने से पहले कंबल तथा धूल के कण विरामावस्था में रहते हैं। कंबल को झटकने से कंबल तो गतिमान हो जाता है, परंतु, विराम के जड़त्व के कारण धूल के कण वहीं स्थिर रहते हैं तथा कंबल से अलग होकर गुरुत्व-बल के कारण नीचे गिर जाते हैं।

प्रश्न 25. छड़ी द्वारा कंबल या दरी पर प्रहार करने पर धूल के कण क्यों नीचे गिर जाते हैं ?

उत्तर - छड़ी के प्रहार द्वारा दरी (carpet) तो गतिमान हो जाता है, किंतु धूलकण जड़त्व के कारण विराम में रहते हैं और गुरुत्व-बल के अधीन नीचे गिर जाते हैं। इस प्रकार धूलकण दरी से अलग हो जाते हैं।

प्रश्न 26. पेड़ की शाखा को जोर से हिलाने पर फलों और पत्तियाँ क्यों झड़ जाती है ?

उत्तर - पेड़ की किसी शाखा को जोर से हिलाने पर शाखा तो गतिमान हो जाती है परंतु फल और पत्तियाँ विराम के जड़त्व के कारण वहीं स्थिर रहते हैं। अतः, अपेक्षाकृत पके फल तथा कमजोर या सूखी पत्तियाँ डाल से टूटकर गुरुत्व-बल के अधीन नीचे गिर (झड़) जाते हैं।

प्रश्न 27. काँच की खिड़की पर बंदूक से दागी गई गोली सीधे निकल जाती है और फेंके गए पत्थर के टुकड़े काँच को चकनाचूर कर देता है क्यों ?

उत्तर - काँच के जिस भाग पर गोली अति उच्च वेग से आघात करती है वही भाग गोली के वेग का साझीदार होता है जबकि काँच का शेष भाग जड़त्व के कारण विराम में रहता है, और इसलिए काँच चकनाचूर नहीं होता। पत्थर का टुकड़ा काँच को अपेक्षाकृत बहुत कम वेग से आघात करता है और इसलिए काँच से होकर पत्थर के पार करने के पहले आघात-स्थान के चारों ओर के काँच को भी टुकड़े के वेग का साझीदार होने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है; फलस्वरूप काँच चकनाचूर हो जाता है

प्रश्न 28. दैनिक जीवन में विराम के जड़त्व को उदाहरण के साथ समझा कर लिखें ?

उत्तर - गति के जड़त्व के उदाहरण

(i) [चलती गाड़ी के अचानक रुकने पर उसके यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं]

(ii) [दौड़ता हुआ व्यक्ति एकाएक रुक नहीं सकता] दौड़ता हुआ व्यक्ति एकाएक रुक नहीं सकता, वह कुछ समय तक जड़त्व के कारण दौड़ता रहता है और धीरे-धीरे अपनी चाल घटाता है।

(iii) [चलती हुई बस से बाहर कूदते समय सावधानी की आवश्यकता] 

(iv) [लंबी कूद (long jump) का खिलाड़ी कूदने से पहले तेज दौड़ता है] 

(v) [एकसमान वेग से चलती रेलगाड़ी में ऊपर की ओर उछाली गई गेंद उछालनेवाले के हाथ में ही लौट आती है] 

(vi) [चलती बस की दिशा बदलने से यात्री का एक ओर झुक जाना]

प्रश्न 29. चलती गाड़ी के अचानक रुकने पर उसके यात्री आगे की ओर झुक क्यों जाते हैं ?

उत्तर - चलती हुई बस या रेलगाड़ी के एकाएक रुकने पर उसपर सवार व्यक्ति के पैर रुक जाते हैं, किंतु शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण गति में बना रहता है। फलस्वरूप, वह गति की दिशा में झुक जाता है

प्रश्न 30. चलती हुई बस से बाहर कूदते समय सावधानी की आवश्यकता क्यों होती है ?

उत्तर - चलती हुई बस के साथ उसमें सवार व्यक्ति भी गति की अवस्था में रहता है। जब वह बस से बाहर कूदता है, तो उसके पैर जमीन पर घर्षण के कारण विराम में आ जाते हैं, किंतु उसके शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण गति में बना रहता है; फलस्वरूप वह बस की गति की दिशा में गिर पड़ता है और जख्मी हो सकता है। अतः, गिरने से बचने के लिए व्यक्ति को बस की गति की दिशा में कुछ दूरी तक दौड़कर धीरे-धीरे अपनी गति खत्म करनी चाहिए।

प्रश्न 31. लंबी कूद (long jump) का खिलाड़ी कूदने से पहले तेज क्यों दौड़ता है ?

उत्तर - तेज दौड़ का खिलाड़ी अपने शरीर की गति को बढ़ाता है। जड़त्व के कारण गतिशील अवस्था में बने रहने के कारण कूदते समय उनकी गति अधिक रहती है जिससे वह अधिक दूरी तक कूद सकता है।

प्रश्न 32. एकसमान वेग से चलती रेलगाड़ी में ऊपर की ओर उछाली गई गेंद उछालनेवाले के हाथ में ही क्यों लौट आती है ?

उत्तर - यदि एकसमान चाल से चलती रेलगाड़ी में बैठा यात्री ऊपर की ओर एक गेंद को उछालता है और अपना हाथ वहीं रखता है तो गेंद ऊपर जाकर नीचे उसके हाथ में ही लौट आती है। इसका कारण यह है कि गति के जड़त्व के कारण यात्री एवं गेंद दोनों के क्षैतिज वेग समान रहते हैं। अतः, गेंद उछालने के बाद भी सदैव यात्री के हाथ के ऊपर ही रहती है तथा नीचे आने पर उसके हाथ में आ जाती है।

प्रश्न 33. चलती बस की दिशा बदलने से यात्री का एक ओर झुक जाना ऐसा क्यों होता है ?

उत्तर - बस जब तीखा मोड़ लेती है तो उसकी गति की दिशा बदलती है, किंतु इसपर सवार व्यक्ति पहली दिशा में ही गति करता रहता है। फलस्वरूप मुड़ती हुई बस में वह गिर जाता है और गिरने से बचने के लिए उसे किसी डंडे इत्यादि को पकड़ना पड़ता है।

प्रश्न 34. किसी वस्तु का द्रव्यमान अधिक होने पर उसका जड़त्व क्या होता है ?

उत्तर - जिस वस्तु का द्रव्यमान अधिक होता है उसका जड़त्व भी अधिक होता है। इससे हम कह सकते हैं कि वस्तु का द्रव्यमान ही उसके जड़त्व की माप है।

प्रश्न 35. किसी वस्तु को चलानेवाला या रोकनेवाला बल उस वस्तु के किस पर निर्भर करता है ?

उत्तर- द्रव्यमान पर 

प्रश्न 36. किसी वस्तु की विराम या गति की अवस्था में परिवर्तन लाने के लिए आवश्यक बल वस्तु के किस पार निर्भर करता है ?

उत्तर - द्रव्यमान तथा वेग दोनों पर

प्रश्न 37. संवेग को परिभाषित करें ?

उत्तर-  किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा उसके वेग के गुणनफल को उसका संवेग (momentum) कहते हैं।

p=mv

संवेग एक सदिश राशि (vector quantity) है। संवेग का SI मात्रक किलोग्राम मीटर प्रति सेकंड (kg m/s) होता है।

प्रश्न 38. न्यूटन का द्वितीय गति नियम लिखें ?

उत्तर - न्यूटन के द्वितीय गति नियम को इस प्रकार व्यक्त किया जाता है-

किसी वस्तु के संवेग के परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होती है और यह परिवर्तन उस बल की दिशा में ही होता है।

प्रश्न 39. 1 न्यूटन को परिभाषित करें ? अथवा बल के SI मात्रक न्यूटन की परिभाषा लिखें ?

उत्तर - यदि कोई बल 1 kg द्रव्यमान की वस्तु पर लगकर उसमें 1m/s' का त्वरण उत्पन्न करता है, तो उस बल को 1 न्यूटन (newton, संक्षेप में N) कहते हैं।

F = m a

अर्थात, किसी वस्तु पर लगा बल वस्तु के द्रव्यमान और उसके त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।

अतः, गति का प्रथम नियम द्वितीय नियम की विशेष स्थिति है।

प्रश्न 40. न्यूटन के द्वितीय गति नियम का दैनिक जीवन में कुछ उदाहरण लिखिए ?

उत्तर - दैनिक जीवन में हम संवेग के परिवर्तन की दर को कभी बढ़ाने और कभी घटाने का प्रयत्न करते हैं।

(i) [कराटे के खेल में खिलाड़ी द्वारा टाइलों के समूह को एक ही बार में तोड़ना]

(ii) [ऊँची कूद के खिलाड़ी का स्पंज के गद्दे पर गिरना] ऊँची कूद का एक खिलाड़ी स्पंज के गद्दे पर गिरकर संवेग में परिवर्तन की दर को कम करता है, जिससे उसको चोट कम लगती है।

(iii) [कच्चे फर्श की अपेक्षा पक्के फर्श पर कूदने में अधिक चोट लगती है]

(iv) [क्रिकेट वॉल का 'कैच' लेते समय खिलाड़ी अपने हाथ को पीछे की ओर खींच लेता है] 

(v) [बॉक्सर का अपना सिर पीछे की ओर करना] एक बॉक्सर (boxer) सामने वाले बॉक्सर के पंच (punch) के प्रभाव को कम करने के लिए अपना सिर पीछे की ओर ले जाता है।

(vi) [गाड़ियों में स्प्रिंगों का उपयोग किया जाता है] उबड़-खाबड़ सड़क पर चलती हुई कार या बस में उत्पन्न धक्कों को मंद करने के लिए उसमें स्प्रिंगें लगी होती हैं।

प्रश्न 41.कराटे के खेल में खिलाड़ी द्वारा टाइलों के समूह को एक ही बार में तोड़ना क्यों आसान हो जाता है ?

उत्तर - कराटे के खेल में एक खिलाड़ी टाइलों के एक समूह या बर्फ की सिल्ली को एक ही बार में तोड़ डालता है। वह टाइलों के समूह अथवा बर्फ की सिल्ली पर तेजी से वार करता है, जिससे हाथ का सारा संवेग बहुत कम समय अंतराल में शून्य हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप टाइलों के समूह या बर्फ की सिल्ली पर इतना बल लगता है कि वह टूट जाता है।

प्रश्न 42. कच्चे फर्श की अपेक्षा पक्के फर्श पर कूदने में अधिक चोट क्यों लगती है ?

उत्तर - जब हम कच्चे फर्श पर कूदते हैं तो फर्श कुछ नीचे धंसता है। इससे हमारे पैर फर्श को छूने के कुछ समय बाद स्थिर होते हैं, जिससे संवेग-परिवर्तन की दर घट जाती है। अतः, फर्श हमारे पैरों पर कम बल लगाता है। इसके विपरीत पक्के फर्श पर कूदते ही हमारे पैर तुरंत ही स्थिर हो जाते हैं, जिससे कि फर्श पैरों पर अधिक बल लगाता है।

प्रश्न 43. क्रिकेट वॉल का 'कैच' लेते समय खिलाड़ी अपने हाथ को पीछे की ओर क्यों खींच लेता है ?

उत्तर - जब खिलाड़ी 'कैच' लेता है तो बॉल हाथों पर धक्का (बल) मारता है और तब उसका संवेग शून्य हो जाता है। अंगुलियों के बीच बॉल आते ही हाथों को वह यदि पीछे हटाता है, तो संवेग के परिवर्तन का समय अंतराल बढ़ जाता है। अतः, संवेग के परिवर्तन की दर, और इसलिए हाथ पर लगता बल कम हो जाता है जिसे वह सहन कर लेता है। यदि वह बॉल को शीघ्र रोके तो हाथों पर बड़ा बल कार्य करेगा जिससे हाथों को काफी चोट लग सकती है। ध्यान दें कि संवेग में परिवर्तन नहीं बदलता है, सिर्फ समय में परिवर्तन होने के कारण बल बदलता है।

प्रश्न 44. न्यूटन का तृतीय गति नियम लिखे ?

उत्तर - न्यूटन का तृतीय गति नियम बताता है कि दो वस्तुओं के अन्योन्यक्रिया में, पहली वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाया गया बल दूसरी वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है।

अतः, न्यूटन के तृतीय गति नियम को हम इस प्रकार भी व्यक्त कर सकते हैं-प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।

प्रश्न 45. क्रिया और प्रतिक्रिया बल के दो कथन को समझा कर लिखें ?

उत्तर - 1. क्रिया और प्रतिक्रिया दो भिन्न वस्तुओं पर लगते हैं। एक ही वस्तु पर लगते बल क्रिया-प्रतिक्रिया जोड़ा नहीं हो सकते और उसी प्रकार एक ही वस्तु द्वारा लगाए गए बल भी क्रिया-प्रतिक्रिया जोड़ा नहीं हो सकते।

2. क्रिया और प्रतिक्रिया हमेशा एक साथ लगते हैं। अतः, एकल बल (single force) कभी अस्तित्व में नहीं रहता।

प्रश्न 46. न्यूटन के तृतीय गति नियम के कुछ प्रमुख उदाहरण दीजिए ?

उत्तर - मेज पर पड़ी किताब, आदमी का जमीन पर टहलना, नाव तैरना या नाव खेना, नाव से किनारे पर कूदना, कुए से जल खींचना, बंदूक का प्रतिक्षेप, रॉकेट की गति, घोड़े का गाड़ी खींचना इत्यादि न्यूटन का तृतीय गति नियम के उदाहरण है

प्रश्न 47. संवेग-संरक्षण का सिद्धांत लिखें ?

उत्तर - संवेग-संरक्षण का सिद्धांत वस्तुओं के निकाय (system) पर यदि बाह्य बल आरोपित न हो तो उस निकाय का कुल संवेग संरक्षित रहता है।

अतः, पिंडों के टकराने से पूर्व तथा टकराने के पश्चात कुल संवेग नियत रहता है, अर्थात कुल संवेग संरक्षित रहताहै।

प्रश्न 48. संवेग-संरक्षण के कुछ प्रमुख उदाहरण दीजिए ?

उत्तर - मुख्य उदाहरण निम्नलिखित हैं।

1. बंदूक का प्रतिक्षेप-गोली दागने के पहले गोली और बंदूक का कुल संवेग शून्य होता है और गोली दागने के बाद गोली की गति की विपरीत दिशा में बंदूक चलता है, अर्थात बंदूक का प्रतिक्षेप (recoil) होता है,  ताकि दोनों का कुल संवेग शून्य रहे।

2. रॉकेटों का नोदन-रॉकेट के नोदन (propulsion) में, रॉकेट के पिछले भाग में एक तुंड (nozzle) से होकर गैस अति उच्च गति से बाहर निकलती है। गैस द्वारा वहन किए गए संवेग के बराबर और विपरीत संवेग रॉकेट प्राप्त करता है। यह संवेग रॉकेट (या जेट विमान) को आगे की ओर धक्का देने के लिए आवश्यक बल प्रदान करता है

3. जब हवा से भरे बैलून (गुब्बारा) में छेद हो जाता है तो हवा उस छेद से तेजी से बाहर निकलती है। इससे हवा के संवेग में परिवर्तन के बराबर एवं विपरीत बैलून का संवेग-परिवर्तन होता है। इस कारण बैलून हवा निकलने की दिशा के विपरीत दिशा में चलने लगता है 







इस तरह के अन्य जानकारी के लिए अगले अध्याय पर क्लिक करें!

Physics (भौतिकी)

Chapter 1 विज्ञान और मापन   Click here!

Chapter 2 गति और विराम  Click here!

Chapter 3 बल तथा गति के नियम   Click here!

Chapter 4 गुरुत्वाकर्षण   Click here!

Chapter 5 कार्य ऊर्जा और शक्ति  Click here!

Chapter 6 ध्वनि (Sound) Click here!


Chemistry (रसायन)

Chapter 1 हमारे परिवेश के पदार्थ  click here!

Chapter 2 पदार्थ का वर्गीकरण  Click here!

Chapter 3 परमाणु अणु और आयन  Click here!

Chapter 4 परमाणु संरचना  Click here!

Chapter 5 प्राकृतिक संसाधन  Click here!


Biology (जीव विज्ञान)

1. कोशिका जीवन की आधारभूत इकाई  Click here!

Chapter 2. उत्तक  Click here!

Chapter 3. जीवो में विविधता  Click here!

Chapter 4. स्वास्थ्य एवं रोग  Click here!

Chapter 5. खाद संसाधन पौधे Click here!

Chapter 6. खाद संसाधन पशु  Click here!


Post a Comment

0 Comments