1.1. रसायन विज्ञान का महत्त्व (Importance of Chemistry)
मानव निरन्तर अपने ज्ञान से प्रकृति को समझने की चेष्टा में लगा है। वास्तव में क्रमबद्ध ज्ञान ही विज्ञान है। रसायन विज्ञान आधुनिक विज्ञान की एक शाखा है। आग के ज्ञान के साथ तथा आग के गिद्र विकसित हो रहे भोजन, शरीर ज्ञान, चिकित्सा तथा परिवार के साथ जुड़े और उठते प्रश्नों में रसायन विज्ञान जुड़ा है। अयस्कों से धातु प्राप्त करने, धातुओं को शुद्ध करने, धातुओं पर रंग चढ़ाने और मीनाकारी जोड़ने, आभूषण बनाने, आदि अनुभवों से रसायन विज्ञान जुड़ा है। कम-से-कम नौ तत्वों-सोना, चाँदी, ताँबा, लेड, टीन, पारा, लोहा, कार्बन तथा गंधक का ज्ञान हमारे पूर्वजों को था। इनके अतिरिक्त उन्हें जिंक, एन्टीमनी तथा आर्सेनिक के यौगिकों का ज्ञान था। खट्टे पदार्थों, पोटाश तथा अमोनिया जैसे क्षारों, शराब के रूप में ऐल्कोहॉल की जानकारी भी उन्हें थी। इस प्रकार रसायन विज्ञान पुराना तथा अनुभवों की विविधता से जुड़ा है। ज्ञान, रोजगार, सुख-सुविधा, लम्बी आयु आदि सभी में रसायन विज्ञान की देन है। फोटोग्राफिक प्लेट का प्रकाश के संपर्क में काला होना, सूर्य से ऊर्जा तथा मिट्टी से जल लेकर बीज का पेड़ में परिवर्तन, जन्तुओं का बड़ा होना, दूध का दही तथा पनीर में परिवर्तन और अनेक परिवर्तनों को रसायनशास्त्री समझने में लगे हैं। आधुनिक रसायन विज्ञान अठारहवीं-उन्नीसवीं सदी का डिसिप्लिन है। आहार, वस्त्र, आवास, दवा इत्यादि मूलभूत आवश्यकताओं एवं सुख-सुविधाओं के अतिरिक्त विलास की चीजों में रसायन विज्ञान के उपयोग तथा व्यवहार सम्मिलित हैं। अठारहवीं सदी में विज्ञान का समाज के उत्पादन रचना से प्रारम्भ हुआ, विद्युत, विद्युत-शक्ति तथा रासायनिक पदार्थ के लिए आवश्यकता के रूप में सामने आए। वस्त्र उद्योग उन्नीसवीं सदी के प्रमुख उद्योगों में से एक के रूप में उभरा। रंग-सामग्री, इत्र, मिलावट के रूप में उपयोग में आने वाले सामान इत्यादि कृत्रिम ढंग से तैयार होने लगे। इस प्रकार उद्योग तथा रोजगार बढ़ने लगे, लोगों की आमदनी बढ़ने लगी और जीवन के साधन विकसित होने लगे।
रसायन विज्ञान के अध्ययन के आयाम बढ़ते गए और नए-नए डिसिप्लिन अध्ययन के क्षेत्र में जुड़ते गए, जैसे-एग्रीकल्चर केमिस्ट्री, (Agriculture Chemistry) स्वायल केमिस्ट्री (Soil chemistry), बायोकेमिस्ट्री (Biochemistry), जीओ-केमिस्ट्री (Geo chemistry), भौतिकी (Physics), जीव विज्ञान (Biology) इत्यादि और ज्ञान बढ़ता गया। वस्तुओं की रचना एवं बनावट (Composition & Structure) के अध्ययन से रसायन विज्ञान जुड़ा है। इस विज्ञान के अध्ययन के तरीकों में वस्तुओं के विश्लेषणात्मक तथा संयोगात्मक पहलू शामिल हैं। विभिन्न डिसिप्लिन के मिले-जुले अध्ययन से ज्ञान तीव्र गति से बढ़ने लगा। हम यह भी जान पाए कि चट्टान खनिजों से बने हैं। खनिजों का निश्चित रासायनिक संगठन तथा आण्विक संरचना होती है; जैसे-कैल्साइट नामक खनिज से चूना पत्थर बना है जबकि ग्रेनाइट चट्टान एक से अधिक खनिजों से बनी हैं। खनिज कुछ तत्वों के मेल-जोल से बने हैं। उदाहरण के लिए सिलिका या क्वार्ट्ज नामक खनिज ऑक्सीजन तथा सिलिकन नामक तत्वों से उनके विभिन्न अनुपातों में संयोग करने से बना है।
हम जानते हैं कि तत्व ठोस, द्रव, गैस, धातु, अधातु रूप में पाए जाते हैं। मिट्टी में ऑक्सीजन, सिलिकन, एलुमिनियम, लोहा, कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, गंधक, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम आदि तत्व अधिक मात्रा में चाहिए। ये तत्व मिट्टी की उर्वरता बनाए
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